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भारत के प्रसिद्ध मंदिर The Famous Temple of India

Published: 11 Oct 2017 • Last Updated: 03 Feb 2023


भारत के प्रसिद्ध मंदिर, जहां पूजा करने के साथ ले सकते हैं घूमने का आनंद, The Famous Temple of India, Indian Temple, हमारा भारत ऋषि-मुनियों का देश है। सदियों से हमारे देश में साधु-महात्मा तपस्या, पूजा, साधना द्वारा ईश्वर को प्रसन्न करने की कोशिश करते रहे हैं। रामायण एवं महाभारत जैसी घटनाएं और उनके साक्ष्य आज भी हमें यह बताते हैं कि हमारे देश में भगवान एक बार नहीं बल्कि कई बार जन्म ले चुके हैं। इसलिए भारत को देवभूमि भी कहा जाता है। कई पर्यटक ऐसे होते हैं जो एक पंथ दो काज मतलब पर्यटन स्थल पर घूमने के साथ-साथ भगवान की पूजा करने की चाहत रखते हैं। पर्यटकों के मार्गदर्शन के लिए भारत के प्रसिद्ध मंदिर की पूरी जानकारी यहां दी जा रही है।

  1. वैष्णो देवी मंदिर

 भक्तों के आस्था के केंद्र वैष्णो देवी मंदिर जम्मू कश्मीर में स्थित है। कटरा से मंदिर की दूरी करीब 14 किलोमीटर की है। यह मंदिर त्रिकुट की पहाड़ी पर लगभग 5000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर में माता तीन पत्थरों के रूप में रहती हैं जिसे पिंडी कहते हैं। हर साल लाखों की संख्या में भक्त माता वैष्णो देवी मंदिर जाते हैं। कहा जाता है कि माता राक्षसों से युद्ध करते समय कुछ दिन इस पर्वत पर रही थीं। मंदिर के रास्ते में आपको ऐसी कई चीज मिलेंगी जो आपकी यात्रा को पूरी तरह सफल बना देंगी। पहाड़ की करीब 14 किलोमीटर की यात्रा में आपको प्राकृतिक नजारें, सुंदर एवं खूबसूरत पहाड़ियां, स्वच्छ एवं ताजी हवा मिलेंगी। वैष्णो देवी मंदिर के साथ-साथ जम्मू एवं कटरा के आस-पास कई और भी धार्मिक एवं पर्यटक स्थल हैं जहां आप पूजा के साथ पर्यटन का आनंद उठा सकते हैं। यहां आप वायु, रेल या बस सेवा द्वारा आराम से पहुंच सकते हैं।

  1. गंगोत्री मंदिर

 यह मंदिर उत्तराखंड में स्थित है। गंगोत्री मंदिर को गंगा नदी का उद्भव भी माना जाता है। उत्तरकाशी स्थित इस मंदिर में हजारों भक्त दर्शन करने एवं घूमने आते हैं। यहां आपको प्राकृति का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। सावन के महीने में यहां कावड़ियों की काफी भीड़ होती है। ऐसा भी कहा जाता है कि जब भागीरथ गंगा को स्वर्ग से लेकर आये थे तो यहीं पर भगवान शिव ने उन्हें जटाओं में बांधकर जमीन पर उतारा था।

  1. बद्रीनाथ मंदिर

बद्रीनाथ मंदिर हिन्दू धर्म के चार पवित्र धामों में से एक है। इसे भगवान बद्रीनाथ के घर के नाम से भी जाता है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित इस मंदिर में भारी संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं। यहां पर केवल अप्रैल से सितम्बर तक ही यात्रा की जा सकती है। यहां मंदिर से जुड़े दो तरह के त्यौहार भी मनाए जाते हैं। पहला माता मूर्ति का मेला, जो सितम्बर तक चलता है और दूसरा बद्री-केदार पर्व, जो आठ दिनों तक चलता है।

  1. केदारनाथ मंदिर

 केदारनाथ मंदिर भगवान भोले का मंदिर है। यहां आने के लिए  14 किलोमीटर के पहाड़ी रास्तों पर से गुजरना पड़ता है। ठन्डे ग्लेशियर और ऊंची चोटियों से घिरा हुआ यह मंदिर करीब 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर उत्तराखंड के छोटे चार धामों में से एक है। यहां आप सर्दियों में नहीं आ सकते। सर्दियों के दौरान यह मंदिर बंद कर दिया जाता है। कहते हैं कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने कराया था।

  1. यमुनोत्री टेम्पल

 यह मंदिर भी उत्तरकाशी में स्थित है। यमुनोत्री मंदिर धरती से करीब 3200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां माता यमुना देवी की पूजा होती है। मंदिर के दरवाजे अक्षय त्रित्या से लेकर दिवाली तक खुले रहते हैं।

 6. अक्षरधाम मंदिर 

अक्षरधाम मंदिर दिल्ली में स्थित है। इसका मुख्य गुम्बद मंदिर से करीब 11 फीट ऊंचा है। मंदिर के निर्माण में राजस्थानी गुलाबी पत्थरों का उपयोग किया गया है। यहां हर दिन हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं। वास्तव में अक्षरधाम मंदिर बहुत ही खूबसूरत मंदिर है। यहां आपको भगवान के आशीर्वाद के साथ-साथ मानव निर्मित कई कलाकृतियां देखने को मिलेंगी।

 7. गोल्डन टेम्पल 

 सिखों के पवित्र स्थानों में से एक गोल्डन टेम्पल को हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है। गुरु ग्रन्थ साहिब को सबसे पहले इसी मंदिर में रखा गया था। यहां भी रोजाना अनेक लोग आते हैं।

 8.  काशी विश्वनाथ मंदिर 

 काशी को बाबा भोले की नगरी कहा जाता है। भगवान विश्वनाथ मंदिर बहुत ही प्राचीन मंदिर है और देश-विदेश से पर्यटक एवं साधक इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। यहां हमेशा भक्तों की भीड़ होती है। आप यहां बनारस की प्राचीनता के दर्शन करने के साथ-साथ बाबा भोले का आशीर्वाद भी ले सकते हैं। लोगों का ऐसा मानना है कि इस मंदिर को देखने मात्र से मोक्ष के सारे दरवाजे खुल जाते हैं। 

9. सूर्य मंदिर 

 यह मंदिर ओड़िसा में स्थित है। यह मंदिर वास्तव में वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। ओड़िसा के पुरी जिले में स्थित कोणार्क भगवान सूर्यदेव को समर्पित है। इस मंदिर में बारह पहिये हैं जिसे सात घोड़े खींचते हुए प्रतीत होते है। यदि आप यहां घूमने आते हैं तो आपको वास्तुकला के साथ-साथ भगवान सूर्यदेव की मूर्ति के अलौकिक दर्शन होंगे। 

10. सोमनाथ मंदिर 

 इस मंदिर की चर्चा कई पुराणों आदि में की गई है। यह गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान श्री कृष्ण ने अपना शरीर त्यागा था। अरब सागर के किनारे बसे इस मंदिर को पूर्व में कई मुस्लिम शासकों द्वारा तोड़ने की कोशिश की गई और अनेक बार इसका पुनर्निमाण भी किया गया। यहां आप भगवान शिव के दर्शन के साथ-साथ समुद्र तट पर घूमने का आनंद भी उठा सकते हैं। 

11. रामेश्वर मंदिर 

 मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान राम ने भगवान शिव की पूजा की थी। यह चेन्नई के पास एक छोटे से द्वीप में स्थित है। यह चार पवित्र धामों में से एक है। यहां आपको भगवान राम एवं भगवान शिव के आशीर्वाद के साथ-साथ समुद्र तट पर घूमने का आनंद मिलेगा। यहां रोजाना हजारों की संख्या में भक्त आते हैं।  

12. सिद्धिविनायक मंदिर 

यह मंदिर मुंबई में स्थित है। इस मंदिर को अठारवीं सदी में बनाया गया था। गणेश जी को विघ्नहर्ता कहते हैं इसलिए प्रायः लोग किसी भी कार्य के शुरुआत में यहां भगवान गणेश की पूजा करने आते हैं। वैसे तो यहां हमेशा लोग आते हैं लेकिन मंगलवार के दिन यहां भारी भीड़ रहती है। यहां पूजा करने के साथ-साथ आप मुम्बई के और भी अनेक स्थानों पर घूम सकते हैं।

 13. जगन्नाथ मंदिर 

यह मंदिर उड़ीसा के पुरी में स्थित है। यह मंदिर भगवान कृष्ण के साथ-साथ उनके भाई बलराम और बहन सुभद्रा को समर्पित है। इस मंदिर में गैर हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है। इस मंदिर का निर्माण बारवीं सदी में किया गया था।

 14.तिरुपति बालाजी 

आन्ध्र प्रदेश की तिरुमाला पहाडियों में बसा तिरुमाला वेंकटेश्वारा मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर भारत में मौजूद सबसे अमीर मंदिरों में गिना जाता है। यहां का लड्डू पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहां पर मन्नत पूरी हो जाने के बाद लोग अपने बालों का चढ़ावा चढ़ाते हैं।

 15. खजुराहो मंदिर 

इस मंदिर को UNESCO द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साईट घोषित किया गया है। यहां पर दसवीं और बारहवीं सदी के कई मंदिर मौजूद है जो जैन और हिन्दू देवी-देवताओं को समर्पित हैं।

16. साईं बाबा मंदिर  

यह मंदिर शिर्डी में स्थित है। साईं बाबा की समाधी पर बना इस मंदिर में हर साल हजारों श्रद्धालु आते है। राम नवमी, दशहरा और गुरु पूर्णिमा के दिन यहां भारी भीड़ होती है। 

17.द्वारकाधीश मंदिर 

 यह गुजरात के द्वारका में है और भगवान कृष्ण को समर्पित है। इसको जगत मंदिर भी कहा जाता है।

 18. इस्कॉन मंदिर  

यहां कृष्ण, राधा और बलराम कि पूजा की जाती है। इसका निर्माण वृन्दावन में इस्कॉन समूह द्वारा किया गया है। यह मंदिर अपनी पवित्रता और सफाई के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है।

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